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मेरे पिता का प्यार और हमारी यारी,
अच्छा काम करो तो बेटा हमारा,
नहीं तो गलती मम्मी की तुम्हारी।
खेलते थे जब हम खेल बारी-बारी,
कोच को धमकाते थे,
फेल हो गया तो जिम्मेदारी होगी तुम्हारी।
कामयाब हो जाता तो गर्व से कहते
नाक ऊँची कर दी तुमने हमारी।
नाकामयाब हो गये तो हँस कर कहते है,
हमने तो समझाया था तुमने बात नहीं मानी हमारी।
शराब के नशे में कहते है,
तू दोस्त हैं मेरा अटूट हैं हमारी यारी।
नशा उतरते ही दुश्मनी हो जाती है हमारी।
घुमता था आवारा,
लोग कहते थे कुँवारा,
पडोसी ने कहा शादी करा दो इसकी,
लडकी छेडता है हमारी।
सबसे रिश्ते बिगड गए,
मौका पाकर थप्पड दो-दो धर गए,
खून तो खोल उठा हमारा,
पर पिता के सामने गम खाकर रह गए।
पिताजी हाथ जोडकर कह रहे है,
कर लो शादी नहीं तो नाक कट जाएँगी हमारी।
हम पैरों पर गिरकर कह रहे है,
मुसीबत क्यो बढाते हो हमारी,
ये क्या कम है बेरोज़गारी।
लक्ष्मी घर आएगी भाग्य साथ आएगा,
मेरा दोस्त मेरा साथी(पोता)
घर का चिराग कहलाएगा।
शादी है ये, या है बर्बादी,
मिन्टों में बढ़ जाती हैं देश की आबादी।
इससे ज्यादा में ना समझा पाऊँगा,
फिलहाल नमस्ते, आगे की कहानी बाद मे सुनाऊँगा।
मेरे पिता का प्यार और हमारी यारी,
अच्छा काम करो तो बेटा हमारा,
नहीं तो गलती मम्मी की तुम्हारी।
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